DRDO: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी {DRDO) ने हाइपरसॉनिक हथियारों की टेक्नॉलजी के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। DRDO की रक्षा अनुसंधान और विकास लैब ने स्क्रैमजेट इंजन (Supersonic Combustion Ramjet या SC Ramjet Engine) को बेहतर बनाने के लिए 1000 सेकंड तक टेस्ट किया, जिसकी सफलता से देश की सुरक्षा करने वाले सेनिको को काफी हद तक मदद मिलेगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के बाद अब रूस, चीन और अमेरिका जैसे देश भी हाइपरसॉनिक हथियार डिवेलप और एडवांस करने के लिए रिसर्च कर रहे हैं और इसमें स्क्रैमजेट इंजन केंद्रीय की अहम भूमिका रही है, तो आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्या है Stratospheric Airship ?
यह एक खास तरह का हल्का और विशाल हवाई प्लेटफॉर्म है, जो धरती से लगभग 17KM की उचाई पर स्ट्रेटोस्फियर लेयर (Stratosphere Layer) में लगातार कई घंटो तक उड़े रहने की क्षमता रखता है। इसमें लगे हाई टेक सेंसर और कैमरा जो भारत को देगा 24 घंटे 7 दिन निगरानी करने की क्षमता, वो भी बिना किसी ड्रोन या हवाई जहाज के सहारे और वो भी बिना दुश्मन को भनक लगे।
ये Airship ना तो कोई ड्रोन है और ना ही कोई सेटेलाइट, बल्कि इसे दोनों की खूबियों को एक साथ मिलकर बनाया गया हैं। 3 मई को DRDO ने मध्य प्रदेश के श्योपुर में पहली बार इस सिस्टम की उड़ान भरी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को दी बधाई
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस प्रणाली के पहले सफल उड़ान का बखूबी तरीके से परीक्षण लिया। इसके बाद राजनाथ सिंह ने इस ‘Stratospheric Airship’ पर DRDO को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही क्षमताओं को अद्वितीय रूप से बढ़ाएगी।
Stratospheric Airship में मिलेंगे ये हाई-टेक फीचर्स
DRDO ने इस Airship में कई हाई-टेक सिस्टम को शामिल किया है, जिसमे 17 किलोमीटर की ऊंचाई यानी स्ट्रेटोस्फियर में तैनात यह एयरशिप बड़े इलाके पर नजर रख सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह लंबे समय तक एक ही स्थान पर स्थिर रह सकता है और लगातार रियल टाइम डाटा भेज सकता है। ऐसा एयरशिप सुरक्षा बलों के लिए ‘आंखें’ और ‘कान’ बनने का काम कर सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शनिवार को स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में किया गया, जहां एयरशिप को 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक लॉन्च किया गया और 62 मिनट तक स्थिर उड़ान में रखा गया।
DRDO successfully conducts maiden flight trial of Stratospheric Airship with instrumental payload to an altitude of around 17 kms. This lighter than air system will enhance India’s earth observation and Intelligence, Surveillance & Reconnaissance capabilities, making the country… pic.twitter.com/HXeSl59DyH
— DRDO (@DRDO_India) May 3, 2025