New Aadhaar App Launch: सरकार ने नए आधार ऐप को लॉन्च करके लोगों की एक बड़ी समस्या को हल कर दिया है। अब आपको होटलों, हवाईअड्डों, सिम लेते समय या किसी भी जगह पर अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी। मंगलवार को लोगों की सहूलियत के लिए सरकार ने इस ऐप को लॉन्च किया।
दरअसर इस ऐप की मदद से कोई भी यूजर डिजीटल तरीके से अपनी पहचान को वेरिफाई करवा पाएगा। इसके लिए अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। अभी तक अपनी पहचान को वेरिफाई करवाने के लिए कई जगह आधार कार्ज की फोटोकॉपी को जमा करवाना पड़ता था, तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
अश्विनी वैष्णव ने शेयर की जानकारी
फिलहाल यह ऐप बीटा वर्जन में है और जल्द लोगों के लिए उपलब्ध होने वाली है। जैसे ही यह ऐप सभी के लिए उपलब्ध होती है हम इस पर डीटेल्स के साथ आएंगे। X पर शेयर किए गए अश्विनी वैष्णव के पोस्ट में इस ऐप का एक डेमो दिया गया है।
इसमें दिख रहा है कि एक यूजर पहले QR कोड को स्कैन करता है और उसके बाद फोन के कैमरा से अपनी पहचान को वेरिफाई करता है। इस पोस्ट में अश्विनी वैष्णव ने लिखा कि अब फिजिकल कार्ड या फोटोकॉपी की जरूरत नहीं।
कैसे काम करेगा यह ऐप
अश्विनी वैष्णव ने इस नई पहल के बारे में X (पहले ट्विटर) पर विस्तार से जानकारी दी है। नए आधार ऐप पर काम चल रहा है और यह अभी बीटा टेस्टिंग के चरण में है। इस ऐप के आने से फेस आईडी ऑथेंटिकेशन मोबाइल ऐप के जरिए ही किया जा सकेगा और अब फिजिकल आधार कार्ड या इसकी फोटोकॉपी लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी।
यूजर्स अब QR कोड को स्कैन कर अपनी जरूरी जानकारी शेयर कर सकेंगे। जहां पर भी आधार से जुड़ी जानकारी की जरूरत होगी। इस ऐप के जरिए ही इसे रिक्वेस्ट किया जाएगा और सिर्फ उतनी ही जानकारी ऐप पर कोड स्कैन करके या रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करके शेयर की जा सकेगी।
New Aadhaar App
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 8, 2025
Face ID authentication via mobile app
❌ No physical card
❌ No photocopies
🧵Features👇 pic.twitter.com/xc6cr6grL0
इस ऐप से क्या होगा फायदा
यूजर अब अपनी मर्जी से सिर्फ जरूरी जानकारी ही शेयर कर सकते हैं, जिससे उनकी निजी जानकारियां सुरक्षित रहेंगी, जैसे UPI पेमेंट में QR कोड स्कैन किया जाता है। ठीक वैसे ही आधार वेरिफिकेशन भी अब उतना ही आसान होगा। इस ऐप से आधार कार्ड से जुड़े डेटा का दुरुपयोग या लीक होने का खतरा भी कम हो जाएगा। आधार की जानकारी में कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।