जाने कौन है Vaibhav Suryavanshi ? जिहोने मात्र 35 गेंदों में ठोका पहल सेंचुरी, राजश्थान 8 विकेट से जीता 

Vaibhav Suryavanshi: बिहार के इस 14 साल के लाल ने आज के आईपीएल 2025 के अपने तीसरे ही मैच में वैभव सूर्यवंशी ने महज़ 35 गेंदों में सतक लगाते हुए राजस्थान की जीत में अहम् भूमिका निभाया। राजस्थान ने इस मैच को 8 विकेट से जीत लिया है।

Vaibhav Suryavanshi: राजस्थान की जीत से जयादा चर्चा में है वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने महज़ 35 गेंदों में 101 रन की ताबड़ तोर खेल दिखाया और राजस्थाान की जीत आसान बना दिया।  राजस्थान इस मुकाबले में गुजरात को 8 विकट से हराया और 202 का टारगेट को महज़ 15.5 ओवर में ही हासिल कर लिया।  

बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव से आने वाले इस 14 वर्षीय बल्लेबाज के नाम पदार्पण करते हुए लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपने पहले मैच में उन्होंने पहली ही गेंद पर शानदार छक्का जड़ा था।  जिससे IPL में डेब्यू पर पहली गेंद पर छक्का मारने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। इसके साथ भाई ने किसी एक इनिंग में 11 छके मारने का भी रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।  

Vaibhav Suryavanshi
Vaibhav Suryavanshi

IPL डेब्यू में धमाकेदार शुरुआत

इस साल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 2024 की नीलामी में 11 मिलियन रुपये में खरीदा था। जिससे वह IPL इतिहास में सबसे कम उम्र में अनुबंधित होने वाले खिलाड़ी बन गए। इसके बादकिया था इस बिहार के लाला ने अपने डेब्यू मैच में ही 20 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसमें तीन छक्के शामिल थे, और तो और भाई साहब ने सार्दुल ठाकुर जैसे दिग्गज गेंदबाज को पहली ही गेंद पे छक्का भी मारा था और साथ यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की। हालांकि टीम यह मैच दो रन से हार गई, लेकिन वैभव की इस वैभव पारी ने सभी का ध्यान अपनी और खींचा।​

वैभव का बिहार से अंतरराष्ट्रीय मंच तक सफर 

हालाँकि ये बहुत काम देखा जाता है लेकिन वैभव ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण कर लिया था। इसके बाद उन्होंने भारत की अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 गेंदों में शतक जड़ा, जो इस स्तर पर भारत के लिए सबसे तेज शतक था । इसके अलावा, उन्होंने बिहार के अंडर-19 टूर्नामेंट में तिहरा शतक भी बनाया है।​

भविष्य की उम्मीदें राजस्थान रॉयल्स साथ 

राजस्थान रॉयल्स के कोच राहुल द्रविड़ ने वैभव की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि वह एक “360 डिग्री” खिलाड़ी हैं और उनका खेलने का अंदाज़ जैसे उससे बताया गया है “गेंद को देखो, और मारो” है। वैभव की यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि भी है, बल्कि यह बिहार जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों से आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।​

हालाँकि अभी तो इनकी क्रिकेट की यात्रा की सुरुवात है इनके साथ सबसे अच्छा चीज़ किया है इनको मेंटर के रूप में राहुल द्रविड़ जैसे  कोच के अंदर में बहुत कुछ सिख सकते है और आगे उम्मीद जताई गयी है इन जैसे यंगस्टर को अच्छे से ट्रेनिंग देके आगे लम्बे सफर के लिए टीम के साथ जुड़ी राखी जाएगी। ये क्रिकेट के आने वाले भविस्य है  ये तो वैसे भी 14 साल के ही है। 


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Akshay Singh

मेरा नाम अक्षय सिंह है। मुझे क्रिकेट से जुड़ी न्यूज़ लिखने में बड़ा मजा आता है। में पिछले तीन सालों से इस फील्ड में काम कर रहा हु। मेने अपनी पढाई पटना साइंस कॉलेज से पूरी की है।