Blackout Mock Drill in Bihar: पहलगाम में 26 पर्यटकों की बुरी तरीके से हत्या करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच महायुद्ध छिड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि इस हमले के गुनाहगारों और इनके आकाओं को सबक सिखाकर रहेंगे। उन्होंने तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी है।
मॉक ड्रिल के वजह से पूरे पटना शहर की बिजली को 10 मिनट के लिए काट दी जाएगी और पटना के 80 जगहों पर सायरन बजायी जाएगी। इसी के बीच आम जनता को इन बातों का खास ध्यान रखना होगा, जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी है। ऐसे में बचाव से जुड़ी हर एक जानकारी को ध्यान से समझने की जरूरत होगी, तो चलिए इसके बारे में जानते है।
बिहार के इन 6 जिलों में आज जारी होगा मॉक ड्रिल
बिहार के DGP विनय कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, मॉक ड्रिल के दौरान सभी घरों और कार्यालयों के साथ सार्वजनिक स्थानों की बत्तियां बंद रखी जाएंगी। तेज आवाज में सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा।
सायरन सुनते ही नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ड्रिल में हवाई हमले के संकेत पर लोगों को कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इसकी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार के इन 6 जिलों ये मॉक ड्रिल होगी, जिसमे पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय शामिल हैं।
पटना के 80 जगहों पर बजेगा सायरन
पटना के जिलाधिकारी डीएम चंद्रशेखर ने मीडिया से करके जानकारी दिया कि, पटना के 80 जगहों पर सायरन बजेगा। साथ ही, सड़क पर गाड़ियो को भी इस दौरान रुककर लाइट ऑफ करना होगा। सिर्फ सरकार ने एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को दे रखी है।
वही, 7:10 मिनट में दूसरा सायरन बजेगा, जिससे यह संकेत मिलेगा कि मॉकड्रिल समाप्त हो गई है और सामान्य हो चुकी है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और पटना वरीय पुलिस अधीक्षक आकाश कुमार ने इस ड्रिल को पटना में 80 जगहों पर आयोजित कराइ जा रही है।
ब्लैक आउट के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान
- सबसे पहले सभी नागरिको को अपने घरों की लाइट को बंद कर देनी है।
- अगर किसी आपातकालीन में लाइट को जलाने की जरुरत पड़ रही है, तो (जैसे बुजुर्गो के लिए, किसी मरीज आदमी के लिए या बच्चों के लिए) उन्हें खिरकी और दरवाजों पर मोटा पर्दा या कपड़ो से धक दे। ताकि घर के अंदर की रौशनी बहार तक ना जाएँ।
- इसके आलावा आपको खुले इलाको में नहीं रहने है। और अगर आप बहार है तो किसी नजदीकी ईमारत या सुरक्षित जगहों पर चल जाएँ।
- बच्चो, बुजुर्गो और दिव्यांगों को पहले ही सतर्क कर दे। ताकि वे डरे नहीं और समय रहते सुरक्षित जगहों पर चले जाएँ।