Chaiti Chhath Puja 2025: देश भर में आज से गूंजेगी शारदा सिन्हा के छठ गीत, नहाय खाय से हुई चैती छठ की शुरुआत

Chaiti Chhath Puja 2025: चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान 1 अप्रैल 2025 यानी आज से शुरू हो चूका है। पहला दिन नहाय-खाय होगा जिसमें व्रती गंगा स्नान कर प्रसाद ग्रहण करेंगे।

Chaiti Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज चैत्र शुक्ल तृतीया उपरांत चतुर्थी मंगलवार को नहाय-खाय से शुरू होगा। छठ व्रती गंगा नदी में स्नान करने के बाद अपने साथ गंगाजल घर लेकर आएंगे। पूजन के बाद प्रसाद के रूप में अरवा चावल, सेंधा नमक से निर्मित चने की दाल, लौकी की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगे, तो आइये इसके बारे में जानते है।

Chaiti Chhath Puja 2025
Chaiti Chhath Puja 2025

आज है चैती छठ के नहाय खाय

चैती छठ पूजन के पहले दिन चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि यानी 1 अप्रैल को नहाय खाय होगा। इस दिन व्रती पवित्र नदी, तालाब में स्नान करने का महत्व है। इसके बाद पूरी सफाई और शुद्धता के साथ बनाया गया भोजन ग्रहण किया जाता है। इसमे कद्दू की सब्जी, चावल और चने की दाल आदि होती है। नहाय खाय के जरिए व्रती का तन और मन शुद्ध होता है। इसके बाद वह तीन दिन का कठिन व्रत रखता है।

2 अप्रैल को मनाई जाएगी खरना 

चैती छठ पूजन के दूसरे दिन चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि यानी 2 अप्रैल को खरना होगा। इसमें निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम को सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इसके बाद शुद्धता के साथ बनाई गई गुड़ की खीर, फल आदि का सेवन किया जाता है। खरना का प्रसाद लेने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।

चैती छठ पूजा का महत्‍व 

चैती छठ एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। ये पर्व सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्व का धार्मिक महत्व अत्यंत गूढ़ है। इसे सूर्य उपासना, प्रकृति के प्रति आभार और आत्म शुद्धि का पर्व भी माना जाता है। 

Chaiti Chhath Puja 2025
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मह‍िलाएं निर्जला उपवास और पव‍ित्र नद‍ियों के घाटों पर स्नान-ध्‍यान कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं। छठ पूजा में निष्ठा, संयम और तपस्या का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान सुख, स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की खुशहाली प्राप्त होती है।

कब है संध्या और उषा अर्घ्य

3 अप्रैल 2025 (गुरुवार) को न व्रती शाम के समय किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। 4 अप्रैल 2025 (शुक्रवार)को  व्रती उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देंगी। इसके बाद वे अपने व्रत का पारण करेंगी और प्रसाद का वितरण करेंगी।


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Beauty Kumari

में ब्यूटी कुमारी, मुझे लाइफ स्टाइल जैसे, हेल्थ टिप्स, रिलेशन टिप्स जैसे विषय पे लिखना बेहद पसंद है। में पिछले पांच सालो से इस छेत्र में काम कर रही हु। मेने अपनी पढ़ाई पूर्णया यूनिवर्सिटी से पूरी की है।