Patna JP Ganga Path: बिहार की राजधानी पटना में ₹3831 करोड़ की लागत से बना जेपी गंगा पथ एक बार फिर सुर्खियों में है। जेपी गंगा पथ, जिसे पटना का ‘मरीन ड्राइव’ भी कहा जाता है, 20.5 किलोमीटर लंबा यह पथ दीघा से दीदारगंज तक गंगा के किनारे बनाया गया है। इसका उद्देश्य शहर की ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाना था।
लेकिन उद्घाटन के बाद जब वाहनों का आवागमन शुरू हुआ, तो दीदारगंज के पास पिलर A-3 के आसपास सड़क की सतह पर दरारें दिखाई दीं। हैरानी की बात यह है कि यह दरारें सिर्फ एक हिस्से तक सीमित नहीं, बल्कि पथ की दोनों लेन में फैल गई हैं। स्थानीय लोगों ने इसे देखकर तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद निर्माण एजेंसी और पथ निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया है, तो आइये इसके बारे में जानते है।
दरारें आने से निर्माण पर उठे सवाल
ब्रिज पर जैसे ही आम वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, सड़क पर दबाव बढ़ा और दरारें दिखने लगीं। विशेषज्ञों और लोगों का मानना है कि ये दरारें निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रही हैं। लोगों ने आशंका जताई है कि कहीं चुनाव से पहले ब्रिज को जल्दबाजी में चालू तो नहीं कर दिया गया।
अधिकारियों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
दरार एक्सपेंशन ज्वाइंट में आई थी, जिसे ढलाई से ढका गया था।गाड़ियों की आवाजाही और कंपन के कारण यह सतह पर उभर आया।कोई क्रैक या स्ट्रक्चरल डैमेज पुल या सड़क संरचना में नहीं है।एक्सपेंशन ज्वाइंट को फिर से भर दिया गया है।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar inaugurated the fourth phase of the JP Ganga Path bridge in Patna on April 10. However, within just 72 hours, cracks have appeared on the newly built bridge, which cost ₹3,831 crore.
— Shrikanth Manda (@smanda_2023) April 15, 2025
Bihar failed to fix it's existing corruption, degraded… pic.twitter.com/yyDjp22Dxe
सरकार की चुप्पी पर नजर
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में कोई नया ढांचा उद्घाटन के बाद विवादों में आया हो। हाल ही में अररिया जिले में एक नवनिर्मित पुल में भी दरारें मिली थीं। इसके अलावा, सुपौल, भागलपुर और अन्य जिलों में पुल ढहने की घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं।
जेपी गंगा पथ जैसे ₹3831 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट में इतनी जल्दी दरारें मिलना गंभीर चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि कंक्रीट की क्वालिटी, डिजाइन में खामी या जल्दबाजी में काम पूरा करना ऐसी समस्याओं की बड़ी वजह हो सकता है।